आज के दौर में बढ़ रहे प्रतियोगिता के कारण कई बच्चे जानकारी के अभाव में पीछे रह जाते हैं तो आज हम उन बच्चों की बात करेंगे जो घिसे पिटे तरीके से पढ़ रहे हैं या उन्हें पता ही नहीं है कि कैसे पढ़े क्योंकि कहा जाता है कि अगर मार्गदर्शन सही हो तो अंधा भी रेस में प्रथम आ सकता है तो चलिए शुरू करते हैं और आज हम जानते है.
दृढ़ निश्चय
दोस्तों आज के दौर में भटगांव एक बीमारी सा बन गया है तो आज इसलिए अपने आप से एक वादा करें कि हमें पढ़ना है और जब भी मन भटके तो आप अपने डरता के कारणों से पुनः वापस ले आएंगे जिससे आप पढ़ाई में अब्बल अंक व स्थान प्राप्त कर सकते हैं तो आज इसी वक्त आप डेट निश्चित करें और अपनी सफलता के कदम को चुने
रोजाना का लक्ष्य
शब्द से ही नहीं यह स्पष्ट है कि हम क्या कहना चाहते है दोस्तों क्योंकि अगर हमें पखार तोड़ना है तो शुरुआत तो हम एक हथोड़ी मार कर भी करें कर सकते हैं तो इसलिए रोजाना सुबह उठे और दृढ़ता के साथ अपने आप से एक छोटा सा लक्ष्य ले और अपने विषयों को तीन भागों में बांट लें सबसे पहले कठिन विषय दूसरा संभालने लायक विषय तीसरा रखने लायक विषय और सबसे पहले कठिन विषय को समाप्त करें फिर संभालने लायक विषय को और सबसे बाद में रखने लायक विषय को खत्म करें क्योंकि सही दिशा और सही दशा गति को सफल बनाता है
आत्मविश्वास सबसे जरूरी बात दोस्तों अपने आपको हमेशा खुश रखे अपने पर भरोसा बनाए रखें क्योंकि आत्मविश्वास एक ऐसा हथियार है जो निहत्थे को भी जिता सकता है इसलिए आत्मविश्वास अपने आप में रखे आत्मविश्वास ना खोए
समय प्रबंधन कहां जाता है इस सही समय पर किया गया काम हमेशा अच्छा फल देता है और इस संसार का सबसे मूल्यवान वस्तु समय चाणक्य ने कहा था समस्त धरती का धन लगा दो पर गुजरा हुआ समय वापस नहीं आता इसलिए समय की कदर करें और ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पड़े क्योंकि उस समय मन दिमाग रिदम यह तीनों कोशिकाएं का संचालन एक ही गति इसमें होता है तथा इस समय में पढ़ाई का मतलब है बुद्धि को जागृत करना और तो और दोस्तों यह 3 घंटा का पढ़ाई